0 0
Read Time:5 Minute, 37 Second

कब है हरियाली तीज? शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व:Kab Hai Hariyaalee Teej?  Shubh Muhoort, Pooja Vidhi Aur Mahatv

Hariyaalee Teej:हरियाली तीज

हरियाली तीज महिलाओं के अंखड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए जाना जाता है और इसे नाग पंचमी से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती है और माता पार्वती के साथ भगवान गणेश और शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने मे पड़ने वाली हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का दोबारा से मिलन हुआ था। इसी के चलते हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन सुहागिन महिलाएं तीज का व्रत रखती हैं। हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करते हुए विधि-विधान से व्रत का पालन करते हुए पूजा-पाठ करती हैं।हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त 2023 को है।इस पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हुए अपने सुहाग की लंबी आयु की प्रार्थना की जाती है।

Hariyali Teej Tithi:हरियाली तीज तिथि

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हो रही है और 19 अगस्त शनिवार रात 10 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी, जिसके बाद हरियाली तीज 19 अगस्त शनिवार को मनाई जाएगी।

Hariyali Teej Shubh Muhurat:हरियाली तीज शुभ मुहूर्त

ज्योतिष के अनुसार, हरियाली तीज की पूजा के लिए 3 शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं। उस दिन आप सुबह में 07 बजकर मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इसके बाद दोपहर में 12 बजकर 25 मिनट से शाम 05 बजकर 18 मिनट तक शुभ मुहूर्त है।

Hariyali Teej Puja Samagri:हरियाली तीज पूज सामग्री

माता पार्वती और शिवजी की मूर्ति, पूजा के लिए चौकी, पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत। साथ ही माता पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करने के लिए एक हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को जरूर रखें।

Hariyaalee Teej Kee Pooja Vidhi: हरियाली तीज की पूजा विधि

हरियाली तीज के दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती के साथ ही गणेश जी की भी पूजा की जाती है। पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। फिर इस चौकी में भगवान की मूर्तियां स्थापित करें और भगवान को नए वस्त्र पहनाएं। पूजा सामग्री को भगवान की मूर्तियों में अर्पित करें। इसके बाद माता पार्वती को सोलह श्रृंगार से जुड़े सभी सामान, साड़ी और चुनरी अर्पित करें। पूजा के दौरान हरियाली तीज की व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़ें। इसके बाद आरती करें।

Hariyali Teej Ka Mahatv:हरियाली तीज का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए विवाहित महिलाएं इस व्रत को अखंड सुहाग की कामना से और कुंवारी लड़कियां योग्य वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। माता पार्वती ने 108 वें जन्म के बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। करवा चौथ की तरह ये व्रत भी सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु,दांपत्य जीवन में प्रेम तथा भाग्योदय के लिए निर्जला व्रत करती हैं। अखंड सौभाग्य की कामना से इस दिन भगवान शिव,तीज माता का स्वरुप देवी पार्वती,नंदी और कार्तिकेय के साथ-साथ श्री गणेश जी की पूजा की जाती है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Singh Sankranti 2023 Previous post Singh Sankranti 2023:सिंह संक्रांति 2023
Kab Hai Naag Panchamee Next post Naag Panchami 2023:नाग पंचमी 2023

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Close