चैत्र अमावस्या – Chaitra Amavasya
हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या तब आती है जब चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 30 चंद्र चरण होते हैं, जिन्हें “तिथि” कहा जाता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की दूरी होती है तो उसे अमावस्या कहा जाता है। प्रतिपदा या अमावस्या तिथि संयोग के बाद सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की कोणीय दूरी होती है। पूर्णिमा और अमावस्या के बीच की अवधि को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या कहते हैं। हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, दान तथा अन्य धार्मिक कार्य किये जाते हैं। हर अमावस्या की तरह चैत्र अमावस्या के दिन पूर्वजों के पूजन का विधान है।
चैत्र अमावस्या तिथि और मुहूर्त – Chaitra Amavasya Tithi & Muhurt
तिथि- 08 अप्रैल 2024, सोमवार
अप्रैल 8, 2024 को 03:22 से अमावस्या आरम्भ
अप्रैल 8, 2024 को 23:51 पर अमावस्या समाप्त
चैत्र अमावस्या का महत्व -Chaitra Amavasya ka Mahatv
चैत्र अमावस्या पर कई धार्मिक कार्य किये जाते हैं। ऐसी मान्यता है की पितरो को मोक्ष की प्राप्ति और सद्गति के लिए अमावस्या का व्रत करना चाहिए।चैत्र अमावस्या व्रत में भक्त विशेष रूप से स्नान, पूजा, व्रत विधान, और दान-पुण्य करने का संकल्प लेते हैं। इस दिन विशेष रूप से गंगा नदी, यमुना नदी, या अन्य तीर्थ स्थलों में स्नान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक पवित्र और धार्मिक दिन माना जाता है जिसमें लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और धार्मिक कर्मों का पालन करते हैं।
चैत्र अमावस्या व्रत के धार्मिक कर्म – Chaitra Amaavasya Vrat Ke Dhaarmik Karm
ऐसी मान्यता है कि पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत अवश्य रखना चाहिए।चैत्र अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं-
- इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
- इस दिन यथाशक्ति अन्न, गौ, स्वर्ण और वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।
- पितरों के श्राद्ध के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।
- अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक और शनि देव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।
चैत्र अमावस्या व्रत उपवास के लाभ – Chaitra Amaavasya Vrat Upavaas Ke Laabh
- इस शुभ दिन पर उपवास करने से समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में शांति और सद्भाव आता है।
- इस दिन हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। इसीलिए अमावस्या की रात को प्रार्थना की जाती है और उन्हें जल और भोजन दिया जाता है।
- सभी नकारात्मक और बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए आध्यात्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
- इस दिन आध्यात्मिक उपचार भी किया जाता है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है।